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कब आएगी शाम हिंदी कविता हम और वो सुबह रात सुकून मिलता हैं वहीं शाम वहीं सुबह वहीं ज़मीन वो और मैं वो सफ़र वो थी वो है ज़िन्दगी क्यों वो सहे

Hindi वो सुबह Poems